मत्ती 5:32 - गढवली नयो नियम32 पर मि तुम कु यु बुल्णु छौं कि, “जु कुई आदिम अपड़ी घरवलि तैं व्यभिचार का सिवै कै और कारण ल तलाक द्यो त उ वीं बट्टी व्यभिचार करौंदो अर जु कुई वीं छुड़ी घरवलि दगड़ा मा ब्यो कैर त व भि व्यभिचार करद।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali32 पर मि तुमतै बतै देन्दु, कि हरेक उ मनखि जु गळत सम्बन्ध रखण का अलावा कै दुसरा कारण से अपणी घरवळी तैं तलाक देन्दु, त इन्द्रयो मनखि वीं जनानि बटि सरील का सम्बन्ध बणवाणु च। अर जु कुई इन्दरि जनानि बटि ब्यौ करदु, त उ मनखि भि सरील का सम्बन्ध बणौणु च जु कि गळत च।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |