8 ये कारण से उ पुंगड़ो आज तक ल्वे को पुंगड़ो मंणै जांदु।
8 इलै वे पुंगड़ों तैं आज का दिन तक “ल्वे को पुंगड़ा” बुले जान्दु।
अर ऊंल सलाह कैरी कै ऊं सिक्कों से परदेशी लुखुं तैं दफनौंणु कु माटा का भांडा बंणौण वला को पुंगड़ो मोल ले दींनि।
अर ऊंल भौत रुप्या लै के जन ऊं तैं सिखै छो ऊंल उन ही कैरी। अर य बात आज तक यहूदियों मा जंणै जांदी।
ई बात तैं यरूशलेम शहर का लोग जांणि गैनी अर इलै उ लोग वीं जगह कु ऊंकी भाषा मा हकलदमा यानि ल्वे कु पुगड़ा बुल्ण लगि गै।