30 अर वेका मुंड मा सरकंडा ल मरणा छा अर वेको अपमान कन कु वे पर कई बार थुकणा छा।
30 अर ऊंन वे पर थूकि, अर निगुंला का वे जांठा तैं लेके वेका मुण्ड़ पर मरण लगि गैनी।
तब ऊंल यीशु का मुक पर थूकि अर वे पर मुक्का मना अर कुछों ल थप्पड़ मारि के बोलि
उ मेरू मजाक करला मि पर थुकला मि पर कोड़ा मरला मि तैं खत्म कैरी द्याला अर तिसरा दिन का बाद मि ज्यूँदो हवे जौलु।
तब कुई त वे पर थुकण कुई वेको मुक ढकाण अर वे पर मुक्का मरण लगि गैनी अर बुल्ण लगि गैनी कि “भविष्यवाणि कैर”अर यु बोलि के वेको ठट्टा कन बैठी गैनी अर मंदिर का सिपैयूं ल वे तैं पकड़ी के थपड़ मरिनि।
उ बार-बार वेका मुंड मा सरकंडा ल मरणा छा अर वेको अपमान कन कु वे पर कई बार थुकणा छा अर घुंडा टेकि के वे तैं प्रणाम कनु कु नाटक करणा रैनी।