72 वेल सौं खै के फिर मना कैरी “कि मि वे मनिख तैं नि जंणदु।”
72 मगर वेन नकारी दिनी, अर कसम खै के बोलि, “अरे, मि वे मनखि तैं नि जणदु।”
जब उ भैर दयाली मा गै त हैंकी दासी ल वे तैं देखि के ऊंमा जु उख छा बोलि, “यु भि त यीशु नासरत वला का दगड़ा मा छो।”
जरा देर बाद लुखुं ल जु उख खड़ा छा पतरस मा ऐ के बोलि, “सच मा तू भि ऊंमा बट्टी एक छै किलैकि तेरी बोलि-भाषा तेरु भेद प्रकट कनि च।”
तब उ मना कन लगि गै अर सौं सिरगत खांण लगि गै मि वे आदिम तैं नि जंणदु अर तुरंत मैर ल बांग दे दींनि।
यीशु ल वेकु बोलि, “हे पतरस मि त्वे कु बुल्णु छौं, कि आज ही राती मैर का बंसण से पैली तिल तीन बार मुकरी जांण, की मि वे तैं नि जंणदो।”