किलैकि एक जाति दुसरी जाति अर राज्य पर राज्य एक दुसरा पर हमला करला हर कखि भ्यूंचोळ होला अर अकाल पुड़ला यु त शुरुवात पिड़ा होलि जन बच्चा पैदा हूंण से पैली हूंदी।
पर यूं बातों से पैली उ तुम तैं मेरा नौं कि खातिर पकड़ला, अर सताला, अर अधिकारियों मा सौंपे जाला, अर जेल मा डलवाला अर यहूदियों का मिलणा का भवन मा राज्यपालों का अर राजाओं का संमणी तुम्हरी अजमैश करे जाली।
जब लोग इन बुलला, “सब कुशल च अर कुछ भि डैर भय नि च” तब अचानक से ऊं पर विणाश ऐ जालो जन कै गर्भवती जनन तैं अचानक से प्रसव कि पिड़ा उठदी; अर उ वे बड़ा क्लेश बट्टी बचि नि सकला।