मत्ती 2:18 - गढवली नयो नियम18 “रामाह नगर मा एक दुःख-नाद सुंणै गै रूण अर बिजां चिल्लाहट राहेल अपड़ा नौंनो कु रूंणी छै अर शांत हूंण चाँदि छै किलैकि उ अब नि रैनी।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali18 “रामाह मा रुंण अर मातम की भौत आवाज औणी च, अर राहेल अपणा नौनो का खातिर रुंणी च, अर वींतैं दिलासा नि चयेणी, किलैकि वींका नौना अब नि रयां।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |