मत्ती 15:2 - गढवली नयो नियम2 तेरा चेला पुरखों कि रीति रिवाज पर किलै नि चलदिन अर बगैर हथ धुयां अर अशुद्ध हथ रुट्टि खंदींनि? အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali2 “गुरुजी, तुमरा चेला पितरों की रीति-रिवाजों का खिलाप मा जैके बगैर हाथ धुयां खाणुक किलै खनदिन?” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तुम जंणदा छा कि पिछला बगत मा तुम एक निकम्मा ढंग ल जीवन जींणा छा, एक इन ढंग ल जु ऊं लुखुं का द्वारा तुम तैं दिये गै जु तुम बट्टी पैली रौंदा छा। पर तुम तैं वे बेकार जीवन बट्टी छुड़ै गै। तुम तैं सोना या चाँदी जन नाश हूंण वली चीजों बट्टी नि खरीदे गै, पर मसीह का बहुमूल्य ल्वे बट्टी, जु एक शुद्ध अर सिद्ध चिनखा का जन छो।