1 वे दिन यीशु घौर बट्टी निकली के झील का छाला मा बैठी गै।
1 अर वे ही दिन यीशु वे घौर बटि निकळि के गलील झील का छाला पर बैठि गै।
किलैकि, “जु कुई मेरा स्वर्गीय बुबा कि मनसा पर चलो उ ही मेरा भैय अर मेरी बैंण अर मेरी ब्वे छिन।”
तब यीशु भीड़ तैं छोड़ी के घौर मा ऐ अर वेका चेलों ल वेका संमणी ऐ के बोलि, पुंगड़ा मा कु जंगली बीज की मिसाल हम तैं समझै दे।
जब उ घौर मा पौंछिनी त तब उ अंधा ऊंका संमणी ऐनी अर यीशु ल ऊंमा बोलि “क्य तुम तैं विश्वास च कि मि त्वे तैं खूब कैर सकदु छौं” ऊं अन्धो ल यीशु मा बोलि, हाँ प्रभु हम तैं विश्वास च की आप हम तैं खूब कैर सकदा छा।
यीशु फिर निकली के झील का छाला पर गैनी अर भौत सारा लोग वेका संमणी ऐ अर उ परमेश्वर का वचन बट्टी ऊं तैं उपदेश दींण लगि गै।