मत्ती 11:17 - गढवली नयो नियम17 “हम ल तुम कु खुशी का गीत गैनी अर तुम नि नचयां हम रौवे छा अर शोक का गीत गैनी पर तुम ल छाति नि पीटि।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali17 ‘हमुन तुम खुणि बांसुळि बजै मगर तुम नि नच्यां, अर हमुन दुख देण वळु गीत गै मगर तुम नि रुंयां।’ အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |