अर अपड़ा घौर नासरत नगर मा ऐ के उख परमेश्वर बट्टी यहूदियों का मिलणा का भवन मा ऊं तैं परमेश्वर का वचन की शिक्षा दींण लगि गै कि उ भैंचक मा पड़ी के बुल्ण लगि गैनी “यु तैं यु ज्ञान अर चमत्कार का काम कैल दींनि?”
अर यीशु ल जै के गलील जिला का सभि जगहों की यात्रा कैरी जगह-जगह गैनी अर यहूदियों का मिलणा का भवन मा जै के शुभ सन्देश प्रचार करदी अर लुखुं कि सभि बिमारी अर कमजोरि तैं दूर कनु रै।
अर तब यीशु अर वेका चेला गलील जिला का भौत शहरों मा हवे के गैनी अर यहूदियों का मिलणा का भवन मा वचन की शिक्षा दींद अर परमेश्वर का राज्य को शुभ सन्देश प्रचार करदी अर लुखुं कि सभि बिमारी अर कमजोरि तैं दूर करदी।
ईं बात पर सब लोग अचम्भो कैरी कै आपस मा एक दुसरा तैं पुछण लगि गैनी, “कि या क्य बात च? यु त कुई नयो उपदेश च जु बड़ा अधिकार का दगड़ी दुष्टात्मा तैं भि झिड़की दींणु च अर उ वेकी झिड़की मणदी छिन।”
पर उ भैर जै के यूं बातों कु भौत सारा लुखुं मा प्रचार कन लगि गै, कि यीशु फिर खुलि के और शहरों मा नि जै सैकी, पर भैर एकांत जंगली जगहों मा रै अर सभि जगह बट्टी लोग वेमा औंणा रैनी।
अर यीशु अपड़ा घौर नासरत नगर मा ऐ जख उ पले गै छो अर अपड़ी रीति का अनुसार यहूदियों का विश्राम का दिन जु परमेश्वर कु पवित्र दिन मा परमेश्वर बट्टी यहूदियों का मिलणा का भवन मा जै के परमेश्वर कु वचन पढ़णु कु खड़ो हवे गै।