65 अर ऊंल भौत सैरी और भि बुरै कि बात ऊंका विरोध मा बुलिनि।
65 अर ऊंन ज्या कुछ बोलि के यीशु को अपमान कैरी।
आंण-जांणवला मुंड हिलै-हिलै के वेकी बुरै कना छा
ईं बात पर कई मूसा की व्यवस्था तैं सिखांण वलो ल सोचि “यु त परमेश्वर की बुरै कनु च भस परमेश्वर ही पाप माफ कैरी सकदु?”
जु कुई मि मनिख कु नौंनो का बारा मा बुरै करलो, वेका पाप त माफ किये जाला, पर जु पवित्र आत्मा की निंदा करलो, वेको अपराध माफ नि किये जालो।
हरेक यहूदियों का मिलणा का भवन मा, मि ऊं तैं दंड़ित कैरी के मजबूर करदो छो कि यीशु कि बुरै कैरा। इख तक कि गुस्सा मा मि इथग पागल हवे गै छो कि दुसरा शहरों मा जै के भि ऊं तैं सतौंदू छो।