55 अर पतरस मंदिर का सिपैयूं का दगड़ा आग तपण बैठी गै।
55 अर लोग बीच चौक मा आग जलै के इकट्ठा बैठयां छा, अर तब पतरस भि ऊंका बीच मा ऐके बैठि गै।
तब सब प्रधान याजक अर प्रजा का दाना-सयाणा कैफा नौं का महायाजक का चौका मा कठ्ठा हवेनि
उ भौत संकट मा दुखी हवे कै और भि दुख ल परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कन लगि गैनी अर ऊंकु पसिना जन ल्वे कि बड़ी-बड़ी बुन्दौं जन धरती मा पोड़णू रै।
तब एक नौकराणि वेकी तरपां इखरोड़ि देखि कै बुल्ण लगि गै “यु भि त यीशु का दगड़ी छो।”
जु लोग इन बात करदींनि, ऊंका द्वारा मूर्ख नि बणा, “बुरी संगति अच्छा चरित्र तैं भि बिगाड़ी दींदी।”