18 पर तुमारा मुंड कु एक बाल भि बांको नि होलो।
18 पर कुई भि तुमरो कुछ नि बिगाड़ि सकलु।
परमेश्वर तुम्हरी जीवन का बारा मा चिंता करदो च उ यु भि जंणदु च की तुमारा मुंड मा कथग बाल छिनी।
उ यु भि जंणदु च की तुमारा मुंड मा कथग बाल छिनी। इलै डैरा न किलैकि तुम भौत घींडुडी से भि बढ़ि के छा।
अर मेरा चेला हूंणा का खातिर सभि लुखुं ल तुम बट्टी दुश्मनी करला।
इलै मि तुम बट्टी बिनती कनु छौं, कि तुम कुछ खैल्या, कि तुम्हरो उद्धार हवे सकद किलैकि तुमारो मुंड को एक बाल भि नि उपड़ोलु।”