प्रधान याजक ल ऊं सिक्कों तैं ले के बोलि “मूसा कि व्यवस्था का अनुसार यूं पैसों तैं मन्दिर का भण्डार मा रखण ठिक नि च, किलैकि यु एक मनिख की ल्वे बुगांण कु दिये गै दाम च।”
यु बातों तैं वेल यरूशलेम शहर का मन्दिर का चौक मा उपदेश दींण का भंडार घौर मा बोलि, अर कैन वे तैं नि पकड़ी किलैकि ऊंकु दुःख उठांण अर मुरण का बगत अभि तक नि ऐ छो।