29 एक घौर मा सात भैय छा, अर सबसे बड़ो भैय ब्यो कैरी निसंतान मोरि गै।
29 त सुणा गुरुजी, एक बार सात भै छा अर जब पैला भै को ब्यौ ह्वे त बिना औलाद को सुख दिख्यां ही उ मोरि गै।
“हे गुरु मूसा ल हम कु इन लिख्युं च जु कै को भैय अपड़ी घरवलि का छौंद बेऔलाद मोरि जौ त वेको भैय वेकी घरवलि का दगड़ा ब्यो कैर अर अपड़ा भैय कु वंश अगनैं बढ़ौ।”
तब दुसरा ल भि इन ही कैरी अर उ भि मोरि गै।