17 यां पर यीशु ल बोलि, “क्य दसों आदिम खूब नि हवे छा त फिर उ नौं कख गैनी?”
17 तब यीशु न वेकू बोलि, “क्या दस का दस शुद्ध नि ह्वेनि? त फिर ऊ नौ कख छिन?
अर यीशु का खुट्टों मा पोड़ि के धन्यवाद कन लगि गै अर यु आदिम सामरी जाति कु छो।
क्य यु गैर यहूदी तैं छोड़ी के और कुई नि निकली जु परमेश्वर की बढ़ै करदो?
ये कारण कि पिता परमेश्वर तैं जनण पर भि ऊंल वे तैं परमेश्वर का रूप मा सम्मान नि दे, अर धन्यवाद नि कैरी, बल्कि बेकार विचार कन लगि गैनी, इख तक कि उ उन नि सुचदा जन ऊं तैं सुचण चयणु च, उ सै रीति बट्टी नि सुचदींनि।