लूका 15:24 - गढवली नयो नियम24 किलैकि मेरू यु नौंनो जैका बारा मा सुचदा छा की मोरि गै छो पर अब ज्यूँदो हवे गे: हरचि गै छो, अब मिली गै अर उ अनन्द मनांण लगि गैनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali24 किलैकि मेरु यू नौनु मोरि गै छौ पर अब यू ज्यून्दु ह्वे गै।’ अर यू हरचि गै छौ पर अब मिली गै। तब ऊ सब मिली के खुशी मनौण लगि गैनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जब यु लोग प्रभु का प्रेम तैं याद कैरी के तुम दगड़ी प्रीति भोज मा खांणु खंदींनि, त यु ऊं खतरनाक चट्टानों का जन छिनी जु समुद्र का मूड़ी छिपियां छिनी जु तुम्हरा डुबणों को कारण बंणि सकदींनि। उ ऊं बेशर्म चरवाहों का जन छिनी जु भस अपड़ी ही चिन्ता करदींनि। उ ऊं बादलों का जन छिनी जु धरती पर बरखा करयां बगैर भस गरजणा रौदींनि। उ ह्यूंद का मौसम का डाला जन छिनी जु द्वी तरपां बट्टी मुरयां हूंदींनि, किलैकि उ कुई फल नि दींदिनि अर जौड़ा बट्टी उखड़ जंदींनि।