इथग मा जब हजारों कि भीड़ लगि गै इख तक कि एक दुसरा पर गिरदा पड़दा छा त उ सबसे पैली अपड़ा चेलों मा बुल्ण लगि गै कि देखा तुम फरीसियों का कपटरूपी खमीर से सचेत रावा।”
जु कुई मि मा औं अर अपड़ा ब्वे-बुबा तैं मि से जादा प्रिय जंणदो उ मेरा लैख नि च अर जु नौंना य नौंनि तैं मि से जादा प्रिय जंणदो उ भि मेरा चेला बनण का लैख नि च।