तब वेल अपड़ा न्यूत्यां दींणवलों फरीसी बट्टी भि बोलि, जब तु दिन कु या राती कु भोज बणैलि त अपड़ा दगड़ियों या भयों, कुटुम्दारी वलो या सेठ पड़ोसियों तैं नि बुलै कखि इन नि हो कि उ भि त्वे तैं न्यूतुनु अर बदलो हवे जौ।
वे नौकर ल अपड़ा मालिक मा ऐ के सभि बात सुणैनी त घौर का स्वामि ल गुस्सा मा हवे कै वे नौकर कु बोलि, शहर का बाजारों मा गलियों मा तुरंत जा अर कंगालों लूला लंगड़ों अर अंधों तैं इख ली कै औ।
इलै जरूरी च, कि अध्यक्षों तैं निर्दोष हूंण चयणु च, अर वेकी एक ही जनन हो, अर सब्र रखण वलो, समझदार, इज्जतदार, अर खातिरदारि कन वलो, अर पिता परमेश्वर का वचन तैं सिखांण म निपुण हो।
भला काम कन मा सुनाम रै हो; जैल बच्चों कु अच्छो पालन-पोषण कैरी हो, अर विश्वासी भयों, कि खूब खातिरदारि कैरी हो, अर विश्वासी लुखुं की सेवा इन कैरी हो की जन व एक दासी हो, अर अपड़ा लुखुं की मदद कैरी हो जु लोग मुशीबतों मा छा, वीं ल हर ढंग से भला काम कनु कु अफ तैं समर्पित कैरी हो।
किलैकि हे विश्वासी भैय, मि दूसरों का प्रति तेरु प्रेम तैं देखि के, मि तैं भौत खुशी अर शान्ति मिली, इलै की तेरु द्वारा पिता परमेश्वर का पवित्र लोग उत्साहित हवे गैनी।
जु विश्वासी लोग तुम तैं पैली कभी भि नि मिलिनि, ऊं तैं अपड़ा घौर मा स्वागत कन नि भूला, किलैकि यांका द्वारा कथगों ल अनजाना मा स्वर्गदूतों कु आदर-सत्कार कैरी।