29 अर तुम ईं बात कि खोज मा नि रावा कि क्य खौला, य क्य प्यूला, अर न सन्देह कैरा।
29 इलै तुम यों बातों की खोज मा नि रा अर ना ही चिन्ता कैरा, कि क्या जि खौला अर क्या जि प्यूला।
“इलै तुम चिन्ता कैरी कै इन नि बुल्यां कि हम क्य खौला य क्य प्यूला या क्य पैरुला।”
फिर वेल अपड़ा चेलों बट्टी बोलि, इलै मि तुम मा बुल्णु छौं, कि हरेक रोज यु चिंता नि करयां कि हम क्य खौला अर न अपड़ा देह कि क्य पैरुला क्य प्राण खांणु से अर देह कपड़ोंं से बढ़ि के नि च?
इलै जब तुम सबसे छुटो काम भि नि कैरी सकदां त जीवन मा और बातों का बारा मा चिंता किलै करदां?
दुनिया कि अन्यजातियों जु परमेश्वर तैं नि जणदींनि सभि चीजों कि खोज मा रौदींनि पर तुमारो स्वर्गीय बुबा जंणदु च कि तुम तैं यूं सभि चीजों कि जरूरत च।
फिर यीशु ल ऊंकु बोलि, जब मिल तुम तैं बटुवा, अर झोला, अर जुता मिल तुम तैं सुसमाचार प्रचार कनु कु बिगर भेजि छो त क्य तुम तैं कै चीज कि घटि हवे वेल बोलि, कै भि वस्तु की कमी नि होलि,