जब दुष्टात्मा कै मनिख बट्टी निकली जांदी त व सुखीं जगह मा विश्राम ढुंडदि फिरदी, अर आराम नि पांदी, तब व अपड़ा आप मा बुल्दी, मि जै मनिख बट्टी अयुं छो, ऊखी वापिस लौटि जौलु।
तब दुष्टात्मा जै के अफ बट्टी सात बुरी दुष्टात्मा तैं अफ दगड़ी लौंद अर उ वेमा मनिख मा घुस कर वास करदी, वे मनिख की पिछली दशा पैली दशा से भि बुरी हवे जांद।