12 या अंडा मांगा त उ वे तैं बिच्छी नि दींद
12 या अगर अण्ड़ा मांगु त वेतैं बिच्छी द्यो?
मिल तुम तैं गुरो अर बिच्छुओं तैं रौंदुणो को, अर शैतान की सैरी सामर्थ पर अधिकार दियूं च अर कै भि चीज बट्टी तुम तैं कुई नुकसान नि होलो।
तुम मा बट्टी कुई भि आदिम, अपड़ा नौंना तैं रुट्टि मांग त, वे तैं ढुंगो नि द्यों यां जन कुई भि आदिम, अपड़ा नौंना तैं माछा मंगण पर वे तैं गुरो नि दींद।”
जब तुम बुरा हवे के अपड़ा नौंना तैं भलि चीज दींण जंणदा छा, त तुमारो स्वर्गीय बुबा भौत जादा बढ़ि के ऊं तैं पवित्र आत्मा दींणु कु तैयार च जु वे बट्टी मंगदो च?
ऊंका बिच्छुओं का जन पूंछ अर डंक छा, उ अपड़ी पूंछ का डंक का दगड़ी पाँच मैना तक लुखुं तैं दुःख पौछांण मा सक्षम छा।