18 आंधी का कारण झील मा बौछार औंण बैठी गै छै।
18 अर फिर भौत तेज बथौं चलण लगि गै, ज्यां से झील का पाणि मा उथल-पुथल मची गै।
त नाव गलील झील का बीच मा लैहरुं मा डगमगाणि छै किलैकि हव्वा संमणी बट्टी आंणि छै।
अर नाव पर चढ़ी के झील का छाला कफरनहूम शहर मा जांण बैठी गैनी। वे बगत अंधेरो हवे गै छो अर यीशु अभि तक ऊँका संमणी नि ऐ छा।
जब उ पुंगड़ा-पुंगड़ा पाँच या छह किलोमीटर का लगभग निकली गैनी त ऊंल यीशु तैं झील मा चलदो अर नाव का संमणी औंदु देखि अर चेला घबरै गैनी।