जब मिल तुम बट्टी धरती पर हूंण वली बातों तैं बोलि, अर तुम विश्वास नि कैरी त मि तुम बट्टी स्वर्ग की बातों तैं बोलु की स्वर्ग मा कि होलो त फिर कनके विश्वास करिल्या?
यांसे अचम्भो नि कैरा किलैकि उ बगत औंदु च कि जथग उ सब लोग जु मुरयां अर कब्रों मा छिन, उ सब, मि मनिख कु नौंना की आवाज सूंणि के ज्यूँदो हवे के उठ खड़ा होला।
किलैकि सचै को पालन कना का द्वारा तुम तैं आत्मा मा शुद्ध किये गै, अब तुम तैं अपड़ा दगड़िया विश्वासियों बट्टी ईमानदरी अर पूरा मन से प्रेम करदी रौंण चयणु च।
पर कुछ भि दुष्ट वे शहर मा प्रवेश नि करलो। कुई भि जु तुच्छ काम करद या जु झूठ बुल्द उख प्रवेश नि करलो। उख भस उ ही लोग प्रवेश कैर सकदींनि जैको नौं चिनखा की जीवन की किताब (चाम्रपत्र) मा लिख्युं च, इख उ किताब च जौं मा ऊं लुखुं का नौं छिनी जौं मा अनन्त जीवन च।