10 तब यीशु ल ऊंकु बोलि “जु माछा तुम ल अभि पकड़िनि ऊंमा बट्टी कुछ ल्यावा।”
10 तब यीशु न ऊंकू बोलि, “जु माछा तुमुन अभि पकड़िनी, ऊंमा बटि कुछ लेके आ।”
जब आनन्द का कारण वे तैं विश्वास नि हूंणु छो की यीशु मुर्दों बट्टी ज्यूँदो हवे गै, अर आश्चर्य करदा छा, यीशु ल ऊं तैं पूछि, “क्य इख तुम मा कुछ खांणु च?”
तब शमौन पतरस ल डोंगि मा चड़ी कै एक सौ तिरपन बड़ा माछों ल भुरुयूं जाल छाला पर खैंचि अर इथग माछा हूंण पर भि जाल नि फटि।
यीशु ल अर रुटि लै कि वे तैं दींनि अर उन ही माछा भि दींनि।
जब उ छाला पर उतरी, त ऊंल कोयला की आग, अर वे पर माच्छा रख्यां छा अर संमणी रुट्टि देखि।
तब यीशु ल रुट्टियुं तैं पकड़ी अर धन्यवाद कैरी के बैठण वलो तैं बांटि दींनि अर उन ही माछों मा बट्टी जथग उ चांदा छा बांटि दींनि।
इख एक नौंनो च जै मा जौं कि पाँच रुट्टि छिन अर द्वी माछा छिन पर इथग लुखुं कु उ क्य छिन?