अब हम जांणि ग्यां कि तुम सब कुछ जंणद्यां त्वे तैं कैकी जरूरत ही नि च कि कुई तुम बट्टी सवाल पूछो, इलै हम विश्वास करदां छा कि तु परमेश्वर की तरपां बट्टी अयुं छै।”
देखा उ बगत आंणु च बल्कि ऐ ही गयै कि तुम सब छिदरु-बिदरु हवे कै अपड़ा-अपड़ा मार्ग लील्या अर मि तैं यखुली छोड़ी दीला फिर भि मि यखुली नि किलैकि पिता परमेश्वर मि दगड़ी च।