ईं बात पर कुछ फरीसी यीशु का बारा मा बुल्ण बैठी गैनी कि यु मनिख परमेश्वर का तरपां बट्टी नि च किलैकि यु यहूदियों का विश्राम का दिन जु परमेश्वर कु पवित्र दिन च नि मंणदु। पर दुसरा लुखुं ल बोलि, पापी मनिख इन चिन्ह चमत्कार कनके दिखै सकदु? अर ऊंमा फूट पोड़ि गै।
किलैकि पैली मि यु सुणदु छो, कि जब तुम मण्डलि मा पिता परमेश्वर की आराधना कनु कु कठ्ठा हुन्दा, त तुम मा मतभेद हुन्दींनि अर मि तैं विश्वास च की ऊं की कुछ बुलीं बात सच छिनी।
किलैकि तुम अब भि अपड़ा पापी स्वभाव का अनुसार ही अपड़ो जीवन जींणा छा; इलै जब तुम मा जलन अर लड़ै-झगड़ा हूंदींनि, त क्य यु साबित नि हूंद कि तुम अपड़ा पापी स्वभाव का कब्जा मा छा? क्य तुम ईं दुनिया का लुखुं का जन ही जीवन नि जींणा छा?