वेल या बात इलै नि बोलि छै कि वे तैं गरीबों कि चिंता छै पर इलै की उ चोर छो अर वेमा ऊं सभियूं कि रुप्यों कि थैलि रांदि छै वीं थैलि मा जु कुछ भि डलेंदु छो उ निकाली दींदु छो।
तब सभि लुखुं ल यहूदियों का मिलणा का भवन का सरदार सोस्थिनेस तैं पकड़ी के अर वे तैं न्याय आसण का संमणी मारि। पर गल्लियों ल यूं बातों कि कुई भि चिन्ता नि कैरी।
मि चांदु, कि तुम यु जीवन का रोज का मसलों का बारा मा चिंता नि कन पोडो, अणबिवाक आदिम, पिता परमेश्वर की सेवा कन कै कैरो अर प्रभु तैं कन कै खुश रखो, ईं बातों की चिन्ता मा रौंदो।