हे अंधा फरीसी पैली अपड़ा लालची अर स्वार्थी हूंण बंद कैर दींण चयणु च तब तुम उ ही कैर पैला जु पवित्र च यु एक इन थाली का जन हूंण जु भैर अर भितर द्वीयूँ जहग साफ हो।
किलैकि सदूकी लोग यु विश्वास करदा छा कि लोग मुरणा का बाद ज्यून्दा नि होला, अर न स्वर्गदूत अर न दुष्टात्मा छिनी; पर फरीसी लोग यूं सभि बातों पर विश्वास करदा छा।
उ मेरा बारा मा भौत पैली बट्टी जणदींनि अर जु चाह त ईं बात की गव्है भि दे सकदींनि, कि मिल अपड़ा धर्म का सबसे पक्का रस्ता का अनुसार फरीसी का जन रै करे के जीवन बसर कैरी।