18 वेल फिर प्रार्थना कैरी त स्वर्ग बरखि, अर धरती पर अच्छी फसल हवे।
18 अर जब वेन फिर से प्रार्थना कैरी, तब आसमान बरखण लगि गै अर धरती पर फसल ह्वे।
फिर भि उ भला काम कैरी के अपड़ा बारा मा गव्है दींदी रैनी; उ तुम कु स्वर्ग बट्टी पांणी बरसांद अर अपड़ा मौसम मा हर एक फसल तैं पैदा करद। उ तुम तैं अन्न दे के तुम्हरी भूख मिटोंदु अर तुम्हरा मनों तैं खुशी दींद।”