11 एक ही कुवां बट्टी मिठो अर नमकीन पांणी द्वी नि निकली सकदींनि।
11 क्या एक ही धारा बटि मिठ्ठु अर कड़ु पाणि निकळदु च?
एक ही गिच्चा बट्टी स्तुति अर श्राप दुई निकलदींनि। हे विश्वासी भयों, इन नि हूंण चयणु च।
हे विश्वासी भयों, क्य बेडु को डाला मा जैतून, या अंगूर का लगुला मा बेडू लगि सकदींनि? उन ही नमकीन पांणी का कुवां बट्टी मिठो पांणी नि निकली सकदो।