गलातियों 3:1 - गढवली नयो नियम1 हे गलातियों शहर का विश्वासी लुखुं क्य तुम न समझ छा, कैल तुम तैं भरमै? मिल तुम तैं ठिक से समझै की जब यीशु मसीह तैं सूली पर चढ़ै गै, त वेल कै काम तैं पूरो कैरी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali1 हे गलाति नगर का बिस्वासी लोगु, क्या तुम नासमझ छाँ अर कु च वु जैन तुम पर जादु कैरियाली? अरे, मिन त तुमतै यीशु मसीह का बारा मा इथगा अच्छे से बतै छौ, जन कि यीशु तैं तुमरि ही आंख्यों का समणि क्रूस पर चड़ये गै हो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जब मिल देखि, कि उ वीं सचै को अनुसरण नि कना छा जु शुभ सन्देश सिखांद, त मिल सभियूं का संमणी पतरस जै कु कैफा भि बुलै जांद छों वेको बोलि, “तु एक यहूदी हवे के भि, अन्यजातियों का रीति-रिवाजों को पालन करदु छै अर यहूदियों को रीति-रिवाजों को पालन नि कनु छै, जु तिल इन करयूं च, त फिर तु अन्यजातियों तैं हम यहूदियों का रीति-रिवाजों कु पालन कनु कु दबाव किलै डलणी छै?”
हे विश्वासी भयों, मि मसीह कु प्रचार करदु अर यु भि बुल्दो कि खतना कन जरूरी नि च (जन कि मूसा की व्यवस्था माँग करदी) अर यांका ही कारण मि तैं यहूदियों का द्वारा अब तक सतै जांणु च; जु मि सूली पर मसीह की मौत का बार मा प्रचार कना का बजाय यु प्रचार करदु कि लुखुं कु खतना किये जांण जरूरी च, त मि यहूदियों कु अपमान को कारण नि हूंदु।