“वेल बोलि जब मि याफा का नगर मा पिता परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कनु छो, वे बगत मिल बेसुद हवे के देखि कि एक बड़ा चदरा का समान कुई चीज चारों तरपां बट्टी लटकी स्वर्ग बट्टी मूड़ी उतरी अर व ठिक मेरा संमणी ऐ।
याफा नगर मा तबिता नौं की एक विश्वासी जु चेलों मा बट्टी एक छै रौंदी छै, यूनानी भाषा मा वीं को नौं दोरकास छो; व भौत सा भला-भला काम अर गरीब लुखुं की मदद करदी छै।
लुद्दा नगर याफा नगर का संमणी ही छो चेलों ल यु सूंणि के की पतरस उख च, तब ऊंल तुरंत द्वी आदिमों तैं भेजि के उख औणे की बिनती करे, “कि हम मा आंण मा देर नि कर।”