वेल हम मा ऐ के पौलुस को पठुको लींनि, अर अपड़ा हथ खुट्टा बंधि के बोलि, “पवित्र आत्मा इन बुल्णु च, कि जै आदिम को यु पठुका च, वे तैं यरूशलेम शहर मा यहूदी इन ही कै बंधला, अर अन्यजाति लुखुं का सुपुर्द कैरी द्याला।”
उ आपस मा एकमत नि हवीनि अर विदा हूंण लगि गैनी पौलुस का बुल्णा का बाद, कि पवित्र आत्मा ल परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला यशायाह का द्वारा तुम्हरा बाप-दादाओं बट्टी ठिक ही बोलि,
फिर एक स्वर्गदूत ल फिलिप्पुस बट्टी बोलि, “उठ अर दक्षिण कु वे रस्ता बट्टी हवे के जा, जु यरूशलेम शहर बट्टी गाजा शहर कु जांद, यु एकांत रेगिस्तान कु बट्टो च।”
फिलिप्पुस के रथ का संमणी दौड़ि के पौंछि गै, अर वे तैं परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला यशायाह की किताब तैं पढ़दी सूंणि, अर पूछि, “क्य तू जु पढ़णी छै वे तैं समझदी भि छै?”
जब उ पांणी बट्टी भैर ऐनी, तब पिता परमेश्वर की आत्मा फिलिप्पुस तैं उठै के ली गै; खजांची ल वे तैं फिर दुबरा नि देखि, पर पिता परमेश्वर ल वे तैं बचै लियेले ईं बात का कारण खुश हवे के उ अपड़ा देश कु वापिस चलि गै।
पवित्र आत्मा साफ-साफ बतौंणु च कि आखरी बगत मा भौत सी लोग मसीही शिक्षाओं पर विश्वास कन बंद कैरी दयाला उ, दुष्टात्माओं की शिक्षाओं तैं स्वीकार करला जु ऊं तैं भटकांदी च, अर ऊं झूठी शिक्षाओं पर विश्वास करला,