50 क्य मिल अफी यूं सभि चीजों तैं नि बणै?
50 अर क्या यों सब चीजों तैं मिन नि बणै?’
“हे लुखुं, तुम क्य कना छा? हम भि त तुम जन दुख-सुख भुगण वला आदिम छा, अर तुम तैं शुभ सन्देश प्रचार सुनांणा छा, कि तुम यूं बेकार की चीजों बट्टी दूर हवे के ज्यून्दा पिता परमेश्वर की तरपां आ। वेल ही आसमान अर धरती अर जु कुछ वां मा च सभि कुछ बणये।
“यूं उ ही पिता परमेश्वर च जैल दुनिया अर वेकी सब चीजों तैं बणै उ आसमान अर धरती कु स्वामी हवे के हथ का बणैयां मन्दिरों मा नि रांदो।