खास चेलों 27:40 - गढवली नयो नियम40 तब ऊंल लंगरों तैं खोलि के समुद्र मा छोड़ी दींनि, अर वे ही बगत पाल का रस्सा भि ढीला कैरी दींनि। तब ऊंल बथौं का संमणी अगनैं को पाल चढ़ै के छाला का तरपां जांण लगिनि अर हम छाला का तरपां बढ़ण लगि ग्यां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali40 तब ऊंन लंगरों तैं खोली के समुन्दर मा डालि दिनी, अर वेका दगड़ा-दगड़ि जु रस्सा हेंडळ से जुड़यां छा ऊंतैं भि खोली दिनी, अर हवा मा जाज को बड़ु परदा फिर से चड़ै के छाला जनै जाण लगि गैनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
फिर जहाज का नाविकों ल बचाव कि नावों तैं उठै के, जहाज तैं चौतरफी बट्टी रस्सों बट्टी कसी के बंधि दींनि की उ जहाज बट्टी मजबूत ढंग ल पकड़यूं रौ। अर सुरतिस की खाड़ी का बल्ला का दलदल का पांणी मा फंसी जांण का डौर का कारण ऊंल लंगर तैं थोड़ा मूड़ी कैरी कै जहाज तैं जु धीमो कैरी दींद बथौं का दगड़ी-दगड़ी बुगण कु छोड़ी दींनि।