खास चेलों 15:20 - गढवली नयो नियम20 पर हम ऊं तैं एक चिठ्ठी लिखीं कै भेजा, कि उ वे मांस तैं नि खये जै तैं लुखुं ल मूर्तियों तैं चढ़ायूं च अर व्यभिचार अर गौलो घोंटी कै मर्यां जानवरों कु मांस नि खयां अर जानवरों को ल्वे नि खयां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali20 बल्किन अब इन कैरा कि ऊं लोगु खुणि एक चिठ्ठी लिखा। अर ऊं लोगु तैं वु खाणु कू मना कैरा जु मूरत का अगनै चड़ये जान्दु, अर ऊंतैं गळत सम्बन्ध बणौण से भि दूर रौण कू लिखा। अर इन भि लिखा कि तुम लोग गौळा दबै के मुरयां जानबरों की सिकार नि खयां, अर ना ही कै जानबर को ल्वे खयां-पीयां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
पर मि तैं तेरु बारा मा कुछ शिकैत च, किलैकि तू ऊं लुखुं कु विरोध नि करदी जु झूठी शिक्षा दींदिनि, जन के पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला बिलाम ल पिछला बगत मा द्ये छै। बिलाम ल राजा बालाक तैं सिखै कि इस्राएल का लुखुं का पाप कनु कु उकसांणु कु क्य कन चयणु च। वेल ऊं तैं मूर्तियों की बलि चढ़यां खांणु, खांण अर अनैतिक रूप से जीवन जींण सिखै।
पर और लोग जु ऊं विपत्तियों बट्टी पैली नि मरै गै छा, ऊंल अभि भि अपड़ा बुरा कामों बट्टी पछतौ नि कैरी छो। ऊंल हत्या कन, टूणा-टुटगा, यौन अनैतिकता या चोरी कन बट्टी पछतौ नि कैरी। ऊंल दुष्टात्माओं अर अपड़ी हथों बट्टी बंणि चीजों की आराधना कन भि नि छोड़ी, जन कि सोना या चाँदी या पितले या ढुंगा अर लखड़ो ल बणईं मूर्तियां, उ मूर्तियां, न त दिखदी छिनी, न सुणदींनि, अर न ही चलदी छिनी।