अर पौलुस ल बोलि, “न, मि एक यहूदी छों, मि किलिकिया प्रदेश का तरसुस नगर को निवासी छों, जु एक मुख्य शहर च, अर मि त्वे बट्टी बिनती करदो छों, कि मि तैं लुखुं दगड़ी बात कन दे।”
तब प्रभु ल वे बट्टी बोलि, उठि के, सीधी नौं वली गली मा जा, उख यहूदा का घौर मा शाऊल नौं को एक तरसुस शहर को रौंण वला का बारा मा पता लगौ; किलैकि उ उख प्रार्थना कनु च,
पर एक चेला जु बरनबास कहलांदो छो अफ दगड़ी वे तैं प्रेरितों मा ली गै, अर ऊं तैं बतै, कि कन कै दमिश्क शहर का रस्ता मा प्रभु यीशु ल दर्शन दे के बात कैरी; अर दमिश्क शहर मा इलै हिम्मत कैरी के यीशु को नौं को प्रचार कैरी।
तब हैंका विश्वासी चेलों तैं ईं बात का बारा मा पता चलि त उ शाऊल तैं कैसरिया शहर मा ली गैनी, अर उख उ वेको पांणी का जहाज ल तरसुस शहर कु जांणै की व्यवस्था कैरी, जु वेको अपड़ो शहर छो।