2 कुरिन्थि 6:16 - गढवली नयो नियम16 अर मूर्तियों कु पिता परमेश्वर का मन्दिर मा कुई जगह नि च; किलैकि हम त ज्यून्दा पिता परमेश्वर का मन्दिर छा; जन परमेश्वर ल अपड़ा वचन मा बोलि; “मि यूं लुखुं दगड़ी रौलु अर ऊंमा चलणु-फिरणु रौलु; अर मि ऊंको पिता परमेश्वर हुलु, अर उ मेरा लोग होला।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali16 अर मनखि खुद परमेस्वर को मन्दिर च, किलैकि ज्यून्द परमेस्वर अपणी पवित्र आत्मा का द्वारा हम मा रौन्दु, इलै मूरतों का दगड़ा मा परमेस्वर का मन्दिर को कुई रिश्ता नि च। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च की परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मि ऊंमा रौलु, अर ऊंका दगड़ा मा चललु, अर मि ऊंको परमेस्वर होलु, अर ऊ मेरा लोग होला।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
फिर मिल एक आवाज सूंणि जु पिता परमेश्वर का सिंहासन बट्टी जोर से बोलि, “देख, अब बट्टी पिता परमेश्वर लुखुं का बीच अपड़ो डेरा बणालो। उ, ऊं दगड़ी रालो, अर उ वेका लोग होला, पिता परमेश्वर अफ, ऊं तैं अपड़ा लुखुं का रूप मा स्वीकार करला अर उ, ऊं दगड़ी रालो, अर उ भि वे तैं अपड़ा पिता परमेश्वर का रूप मा स्वीकार करलो।