अर यीशु अफ पिछनै कि तरपां गद्दी पर सियूं छो, तब ऊंल वे तैं बिजालि के वेमा बोलि “हे गुरु नाव डुबण वली च अर हम ल भि डुबी जांण क्य त्वे तैं कुछ भि चिंता नि च?”
फिर वेल अपड़ा चेलों बट्टी बोलि, इलै मि तुम मा बुल्णु छौं, कि हरेक रोज यु चिंता नि करयां कि हम क्य खौला अर न अपड़ा देह कि क्य पैरुला क्य प्राण खांणु से अर देह कपड़ोंं से बढ़ि के नि च?