1 कुरिन्थि 7:34 - गढवली नयो नियम34 अणबिवाक अर जूंको ब्यो हुयुं च द्वीयूँ मा भेद च; अणबिवाक प्रभु की सेवा कन कै कैरो ईं बात कि चिंता मा रौंदो, कि उ देह मा अर आत्मा द्वीयूँ मा पवित्र हो, पर जूंको ब्यो हुयुं च उ सांसारिक चिन्ताओं मा रौन्दींनि, कि व अपड़ा आदिम तैं कन कै खुश रखो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali34 इलै एक पति हमेसा इन सोचदु कि कनकै पिता परमेस्वर तैं खुश किये जौ, अर कनकै घरवळी तैं खुश किये जौ। अर ठिक इन्नि एक अणविवाक नौनि सिरफ पिता परमेस्वर का काम का बारा मा सोचदी, कि वा कनकै पिता परमेस्वर तैं खुश कैरो, अर वा खुद तैं पिता परमेस्वर का सुपुर्द कैरी देन्दी, अर इन वा इलै करदी ताकि वींको बदन अर आत्मा दुई पवित्र रा। मगर जिं जनानि को ब्यौ होयुं रौन्दु, वा अपणा परिवार अर अपणा कामों की चिन्ता मा ही रौन्दी, ताकि वा कनि ना कनकै अपणा पति तैं खुश रखो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |