24 कुई अपड़ी ही भलै तैं नि चौ, पर दुसरों की भलै का बारा मा भि ध्यान द्यो।
24 हरेक मनखि अपणा ही भलै की चिन्ता नि कैरो, बल्किन मा दुसरो की भलै की भि चिन्ता कैरो।
उ दुसरों का दगड़ी बुरो बरतौ नि करदींनि, प्रेम मतलबी नि हूंद, यु बल्कि खुद तैं खुश कना का बारा मा नि सुचदींनि, उ जल्दी गुस्सा नि हूंदींनि।
अब, मि तिसरी बार तुम मा आंणु कु तैयार छो, अर मि तुम बट्टी कुई माँग नि करुलु; किलैकि मि तुम्हरी सम्पत्ति न, पर तुम तैं ही चांदु छो; किलैकि बच्चों तैं ब्वे-बुबा कु धन कठ्ठा नि कन चयणु च, पर ब्वे-बुबा तैं बच्चों कु धन कठ्ठा कन चयणु च।
किलैकि सब अपड़ा स्वार्थ कि खोज मा रौदींनि, उ मसीह यीशु बट्टी जुड़ीं बातों का बारा मा परेशान नि छिनी।