6 दिलेया च्हैंब-मैंब लल् आखाँबै म्हिइ चु ताँ क्होल् आखाँ; आमादुइ चु ताँ क्होल् आखाँ।
ओ याहवेह, क्हिजी लबै केमैं कति ल्हें मुँ! चु ताँन् सैं क्हिजी ह्रोंसए बुद्धिइ बनेइ; क्हिजी बनेबै तोन्दोंरि सैइ पृथ्बी प्लिंइमुँ।
ङ औदिले छेन्ले बनेइमुँ, छतसि ङ क्हिए मिं थेब् लमुँ। क्हिए केमैं औदिबै मुँ बिब ङइ छेनाले सेइमुँ।
आमादुमैंइ ह्रोंसए सैंर “परमेश्वर आरे!” बिमुँ। चमैंइ छेरन् ङ्हाँबै केमैं लमुँ, चमैं छेरन् ङ्हाँन् तब्मैं मुँ; छ्याँबै के लब्मैं खाबै आरे।
क्हेमैं बुद्धि आरेबै घोडा नेरो खच्चर धों आतद्! चमैंलाइ तार झोंबै ल्हागिर लगाम नेरो पैए प्हरे चैदिम्, आस्याँ क्हिइ चमैंलाइ तार झोंल् आखाँ।”
तलेबिस्याँ बुद्धि मुँबै म्हिमैं या सिल् त्हुब, धै आमादुमैं नेरो आह्र आसेब्मैं ङ्हिंन-ङ्हिंन् सियामा सै न्होर अरूमैंए ल्हागिर्न वाथेंल् त्हुमन बिब ताँनइ म्रोंइमुँ।
छतसि ङ च्हैंब् मैंल् आखाँब नेरो ताँ क्होल् आखाँब् मुँल; क्हिए उँइँर ङ खेदो धोंन् तब् मुँल।
थेब् प्हैंब्मैंने ङजी बिमुँ, ‘थेब् आप्हैंन्’, धै दुष्टमैंने बिमुँ, ‘क्हेमैं थेब प्हैंसि ओक्रों आतद्;
ओ ङए म्हिमैंए न्होंर्बै च्हैंब् मैंब् लल् आखाँब्मैं, मैंन्दि! ओ मुर्खमैं, क्हेमैं खोंयों च्हैंब् मैंब् लल् खाँब्मैं तमुँ?
“ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ? खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ, ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
आमादुए ल्हागिर बुद्धि स्यालै आखाँल्ले नुल्ले मुँ; थे-थेबै म्हि च्होंर छलफल लमा चइ तोइ बिल् आखाँ।
म्हिमैंए न्होंर ताँ आक्होब ङन् ग; म्हिने मुँल् त्हुबै बुद्धि ङने आरे!
दिलेया चइ छले मैंरिमा परमेश्वरजी चने बिइ, ‘ओ आमादु! तिंयाँ म्हुँइँसर्न क्हि सिल् त्हुब्मुँ। तारे क्हिइ साँथेंबै सै न्होर खाबल् तब्मुँ?’”
पबित्र प्ल्ह आरेबै म्हिमैंइ परमेश्वरजी बिबै ताँ क्होल् आखाँ। च ताँ चमैंए ल्हागिर केर आफेबै ताँ धों तम्, तलेबिस्याँ पबित्र प्ल्हजी पिंबै ज्ञान-बुद्धिउँइँले मत्त्रे च ताँमैं क्होल् खाँम्।