3 शत्तुरमैंइ क्हिए मन्दिरर मुँबै ताँन् सैमैं नास लवाइ! नास तयाबै सहरउँइँ ह्रोंसए खसि ङ्ह्योद्!
छतसि ओ प्रभु, तले रोल? रेद्! छोरद्! खोंयोंइ ङिलाइ आपिद्।
रेद्, ङिलाइ ल्होमिंन्! क्हिए खोंयोंइ आनुबै म्हाँयाजी ङिलाइ जोगेमिंन्!
ओ परमेश्वर, अरू ह्रेंमैंइ क्हिए ह्युलए फिर ह्वाखइमुँ; धै क्हिए पबित्र मन्दिर चमैंइ जुठ लइमुँ; चमैंइ यरूशलेम नास लवाइमुँ।
झाइले खीजी म्हिमैं लोमिंदै बिइ, “ङए धिं ‘ताँन् ह्रेंमैंए प्राथना लबै धिं तब्मुँ’ बिसि परमेश्वरए छ्वेर प्ह्रिइमुँ: दिलेया क्हेमैंइ चु धिं ह्योमैं टिबै क्ल्ह्यो ग लन।”
शत्तुरमैंइ चमैं को-कोइ सेलाँइ (तरवारइ) सैवाब्मुँ, कोइ फैसि ह्युल ह्युलर बोब्मुँ। परमेश्वरजी चमैंने तोक्दिबै त्हे आतन् समा अरू ह्रेंर्बै म्हिमैंइ यरूशलेम खेंमैंए अधीनर थेंब्मुँ।”
दिलेया मन्दिर बैरुबै ह्युमैं बिस्याँ आच्हैंन्, तलेबिस्याँ ङलाइ बिश्वास आलबै अरू ह्रेंमैंलाइ ङइ च ह्यु पिंइमुँ। प्लिच्यु से म्हैंन ङ्हिंल् समा (४२) चमैंइ पबित्र सहरलाइ प्लेथेंब्मुँ।