5 आछ्याँबै केमैं लबर चमैंइ खें-खेंमैंए न्होंर घ्रिइ घ्रिलाइ भों पिंमुँ। खाबज्यै आसेल्ले ङो चुले बिसि चमैं क्ह्रिसि मत लमुँ। “ङ्योइ लबै चु के खाबइ म्रोंम् रो?” बिसि चमैंइ बिम्।
परमेश्वरजी ङलाइ ङए आबाए धिं पिसि आगुए ह्युलर क्याइ-माइ स्युरइ प्रब लमिंइ। छतसि ङइ साराने ‘गार् आम्हाँदिल्ले क्हिइ म्हिमैंने बालु चु ङए आघें ग बिद् ओ’ बिसि ङइ बिल।”
चमैंइ सैं न्होंर मैंइमुँ, “परमेश्वरजी खीए मोंडा ङउँइँले लोइमुँ, धै ङलाज्यै या म्लेवाइमुँ, छतसि ङइ लबै के या आम्रों।”
नमे सैइ प्रबै म्हिइ चुबै ङोउँइँले नमे स्योरब् धोंले ङि स्योर खइमुँ; चमैंए जाल ट्होयाइ, धै ङि त्होंल् योंइ!
थेब् प्हैंबै म्हिमैंइ ङए ल्हागिर ङो चुइमुँ, चमैंइ ह्रोंसए जालए छो च्योइमुँ, धै ङ प्रबै घ्याँर ङो चुइमुँ। तिस्याँदे मैंन्
ङ्ह्योद्, चमैंए सुँउँइँले तो त्होंमुँ? चमैंए ले सेलाँ धों तब् मुँ; चमैंए सैंर “ङिइ छ बिब खाबज्यै आथेइमुँ!” ङ्हाँम्।
“याहवेहजी आम्रों; याकूबए परमेश्वरजी वास्ता आल,” बिसि चमैंइ बिमुँ।
शत्तुरइ बिइ, ‘ङइ चमैं ल्हासि स्याब्मुँ, लुडिबै सैमैं ङ चुब्मुँ, च लुडिबै सैमैंउँइँले तो लदा ङ्हाँमुँ च ङ किंब्मुँ। ङइ ङए सेलाँ (तरवार) ट्हुइसि चमैं सैवाब्मुँ।’
“धिक्कार मुँ, शास्त्रिमैं नेरो फरिसीमैं क्हेमैं फिब्लो पार्दिब्मैं! म्हि घ्रि क्हेमैंए घ्याँर प्ररिगे बिसि क्हेमैं मा ङ्युँइ नेरो ह्युलजरे स्युरदै म्हि म्हैदै प्रम्, धै क्हेमैंए घ्याँर प्रबै लिउँइँ च म्हिलाइ ह्रोंसइ भन्दा ल्हें नर्गर्बै दण्ड योंल् लम्।
चु अगमबक्तामैं ङ्हिंइ पृथ्बीर्बै म्हिमैं ल्हें दुःख पिंल। छतसि चमैंए सिनु म्रोंसि पृथ्बीर्बै म्हिमैं बेल्ले सैं तोंब्मुँ, धै चमैंइ खें-खेंमैंए न्होंर चिनु पिंब-किंब लब्मुँ।