1 ओ भोंबै म्हि, आछ्याँबै केमैं लसि क्हि तले थेब् प्हैंल? क्हि तले त्हिंतिमिन् प्हैंरिम्? छाबै म्हि परमेश्वरजी तिफुँइ आखो!
चमैंए सुँर आगुलाइ हौदिब, स्योर तेब नेरो सराब पिंबै ताँ मत्त्रे मुँ; चमैंए सुँर केरै आफेबै छेरन् ङ्हाँबै ताँ मत्त्रे मुँ।
दिलेया खीए मान लब्मैं खीजी खोंयोंन् बिलै म्हाँया लरिम्। धै चमैंए च्ह-क्वेंमैं,
याहवेहलाइ धन्यबाद पिंन्, तलेबिस्याँ खी स्वाब मुँ, खीए म्हाँया खोंयोंन् बिलै तरिम्!
तलेबिस्याँ स्याँमैंइ ङए न्होह्रों लम्; ल्हयो आखब्मैंइ ङलाइ सैल् म्हैइमुँ; चमैंइ खोंयोंइ परमेश्वरलाइ आमैं। तिस्याँदे मैंन्
ङ्ह्योद्, चमैंए सुँउँइँले तो त्होंमुँ? चमैंए ले सेलाँ धों तब् मुँ; चमैंए सैंर “ङिइ छ बिब खाबज्यै आथेइमुँ!” ङ्हाँम्।
दुष्टमैंए सैंर आछ्याँबै ताँमैंइ प्लिंरिम्, चमैंइ आगुलाइ दुःख पिंबै ताँमैं मैंरिम्; चमैंइ स्योलिबै ताँमैं लम्।
चमैं प्हैंसि ताँ लरिम्; दुष्ट म्हिमैं थेब् प्हैंरिमुँ।
“क्ल्या, गदा, क्यु, क्वें, तो मुँले म्हह्याबै सैए बारेर खाबज्यै ‘च सै ङल ग’ बिइ बिस्याँ, चमैं ङ्हिंन-ङ्हिंन् निसाफ लबै म्हिमैं ङाँर ह्यारिगे। धै निसाफ लबै म्हिमैंइ दोषि ठर्दिबै म्हिइन ह्रोंसए ङ्हेब्मैंलाइ तिंबाँर ङ्हिंबाँ तेंसि पिंल् त्हुम्।
चए सैंइ आछ्याँबै ताँमैं मत्त्रे मैंम्, धै चइ खोंयोंन् बिलै आक्ह्रिबै ताँबै रेम्।
आछ्याँबै चाँजोमैं लबै सैं, आछ्याँबै के लबर युन्-युन् प्रबै प्हले,
आगुलाइ स्यारब, परमेश्वरलाइ आम्हाँदिब, खाबलाज्यै या म्हि आलब, थेब् प्हैंब, पाप केमैं लदै प्रब, आबा-आमाइ बिबै ताँ आङिंब,
च त्हेर म्हिमैंइ ह्रोंसलाइ मत्त्रे म्हाँया लब, मुइए लोब लब, ह्रोंसन् थेब् प्हैंब, सैं सार तब, अरूलाइ म्हि आलल्ले पोंब, आबा-आमाइ बिब आङिंब, खाबइ तो सै पिंलेया धन्यबाद आपिंब धै परमेश्वर आम्हाँदिब गुन् आरेब अपबित्र तब्मुँ।