5 थेब् प्हैंब्मैं क्हिए ओंसों रालन् आखाँ; आछयाँबै के लब्मैं ताँन् क्हिजी हेल लम्।
छतसि दुष्ट के लब्मैं निसाफ लबै त्हेर राल् खाँरिब् आरे, धै पापिमैं ठिक के लब्मैंने बालु टिल् योंरिब् आरे।
तलेबिस्याँ दुष्टमैं ह्रोंसए सैंर मैंबै आछ्याँबै ताँर्न प्हैंरिम्, चमैंइ खोंबै म्हिलाइ आशिक पिंम्, धै याहवेहलाइ स्यारम्।
याहवेहजी ठिक के लब्मैंए जाँच लमुँ; आछ्याँबै के लब्मैं नेरो म्हि सैब् म्लुबै के लदा ङ्हाँब्मैं खीजी आखो।
ओ याहवेह, म्हिमैंइ लबै पापए हिसाब क्हिजी थेंइ बिस्याँ, ओ प्रभु, क्हिए उँइँर खाब् राल् खामुँ?
आमादुमैंइ ह्रोंसए सैंर “परमेश्वर आरे!” बिमुँ। चमैंइ छेरन् ङ्हाँबै केमैं लमुँ, चमैं छेरन् ङ्हाँन् तब्मैं मुँ; छ्याँबै के लब्मैं खाबै आरे।
तलेबिस्याँ दुष्टमैं छ्याँब् तब् म्रोंसि च थेब् प्हैंब्मैंए फिर ङइ ह्रिस लमल।
थेब् प्हैंब्मैंने ङजी बिमुँ, ‘थेब् आप्हैंन्’, धै दुष्टमैंने बिमुँ, ‘क्हेमैं थेब प्हैंसि ओक्रों आतद्;
दिलेया च्हैंब-मैंब लल् आखाँबै म्हिइ चु ताँ क्होल् आखाँ; आमादुइ चु ताँ क्होल् आखाँ।
ओ ङए म्हिमैंए न्होंर्बै च्हैंब् मैंब् लल् आखाँब्मैं, मैंन्दि! ओ मुर्खमैं, क्हेमैं खोंयों च्हैंब् मैंब् लल् खाँब्मैं तमुँ?
“ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ? खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ, ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
बुद्धि योंबै ल्हागिर म्हिमैंइ याहवेहलाइ म्हाँदिल् त्हुम्; दिलेया आमादुइ छ्ह खैलेन् थोलेन् तम् बिमुँ, धै ज्ञान बुद्धिए ताँमैं थेल् आङिं।
दुष्ट म्हिमैंइ लबै के याहवेहजी आखो, दिलेया छ्याँबै के लब्मैंलाइ खीजी म्हाँया लम्।
ओ बुद्धि आरेब्मैं, बुद्धि म्हैद्; ओ आमादुमैं, च्हैंब्-मैंब् लल् खाँब्मैं तद्।
“च लिउँइँ खीजी ह्रोंसए त्हेब्रे हारइ टिब्मैंने ‘ओ सराप योंबै म्हिमैं! ङ ङाँइँले ह्रेंगो तयाद्। दियाबलस नेरो चए दूतमैंए ल्हागिर बनेथेंबै खोंयोंइ आसिबै मिर ह्याद्,’ बिब्मुँ।
‘दिलेया च त्हेर ङइ चमैंने ङइ क्हेमैं आसे ओ आछ्याँबै के लब्मैं ङ ङाँइँले ह्रेंगो स्योह्याद्,’ बिसि बिब्मुँ।”