4 मुसारमैं च्हगन् मुँ बिसि खीजी सेइमुँ; धै च ताँन् मुसारमैंए मिं थेंमिंइमुँ।
खीजी चलाइ बैरु बोसि बिइ, “मुउँइँ ङ्योद्! मुर्बै मुसारमैं च्योल् खाँम् उ आखाँ? क्हिए प्हसेमैं या मुसारा धोंलेन् ल्हें तब्मुँ।”
ओ त्हिंयाँ नेरो लयाँ, खीलाइन थेब् लद्, ओ मुर्बै चारबै मुसारमैं, खीलाइन थेब् लद्!
क्हिजी बनेबै मु, क्हिजी मुर थेंमिंबै लयाँ नेरो मुसारमैं ङइ ङ्ह्योमा,