11 चमैंइ सैं न्होंर मैंइमुँ, “परमेश्वरजी खीए मोंडा ङउँइँले लोइमुँ, धै ङलाज्यै या म्लेवाइमुँ, छतसि ङइ लबै के या आम्रों।”
“तो सैज्यैया ङलाइ लाल् खाँरिब् आरे, छतमा ङए फिर खोंयोंन् बिलै तोइ दुःख तरिब् आरे,” बिसि चमैंए सैंर मैंम्।
दिलेया ओ याहवेह, च शत्तुरमैंलाइ क्हिजी प्ह्रब्मुँ; ताँन् अरू ह्रेंमैं म्रोंसि क्हि निस्योब्मुँ।
आछ्याँबै केमैं लबर चमैंइ खें-खेंमैंए न्होंर घ्रिइ घ्रिलाइ भों पिंमुँ। खाबज्यै आसेल्ले ङो चुले बिसि चमैं क्ह्रिसि मत लमुँ। “ङ्योइ लबै चु के खाबइ म्रोंम् रो?” बिसि चमैंइ बिम्।
म्हिमैंए सैं कति आछ्याँब् तमना, चमैंइ आगुए न्होह्रों लबै जाल रोमुँ, दिलेया “ङिइ ठिक चाँजोमैं लइमुँ,” बिम्।
“ङ्योइ लबै के परमेश्वरजी खैले सेमुँ? ताँन् भन्दा थेबै परमेश्वरने ज्ञान मुँ वा?” बिसि चमैंइ बिमुँ।
“याहवेहजी आम्रों; याकूबए परमेश्वरजी वास्ता आल,” बिसि चमैंइ बिमुँ।
चु ताँ थेसि चर मुँबै शास्त्रिमैंइ खे-खेंमैंए सैं न्होंर छले मैंरिल,
छ लब् म्रोंसि येशूलाइ न्हिम्तो लबै फरिसीइ सैं न्हों-न्हों “चु म्हि क्ह्रोंसेंन्ले अगमबक्ता ङिब् ग बिस्याँ चुइ खीलाइ छुइबै च्हमिरि खैतबै म्हि जा बिसि सेमल। चु पापि च्हमिरि ग!” बिबर होंइ।