13 याहवेहलाइ म्हाँदिब आछ्याँबै के-ति पिब् ग। थेब् प्हैंब, शेखि लब, आछ्याँब् मैंब नेरो स्योलिबै ताँ पोंब्मैंलाइ ङइ आखो।
केर आफेबै सैमैं ङए उँइँर थेंरिब् आरे। दुष्ट के लब्मैंलाइ ङ आखो; छाबै म्हिमैंने ङ प्ररिब् आरे।
क्हिजी ल्हैदिबै केमैंउँइँलेन् ङइ च्हैब् मैंब् लल् खाँबै शक्ति योंइमुँ; छतसि ताँन् आछ्याँबै के लबै घ्याँमैं ङइ पिवाल् खाँइमुँ।
धै क्हिजी लद् बिबै ताँन् केमैं ङइ लइमुँ; आछ्याँबै के लबै ताँन् घ्याँ ङइ आखो।
याहवेह बेल्ले थेब मुँलेन थेब् आप्हैंब्मैंलाइ खीजी ङ्ह्योम्, दिलेया थेब् प्हैंब्मैं बिस्याँ खीजी ह्रेंगोउँइँलेन् ङो सेम्।
याहवेहने म्हाँया लब्मैं ताँनइ आछ्याँबै केमैं लब पिवारिगे! तलेबिस्याँ खीजी ह्रोंसए म्हिमैंलाइ रक्षा लमिंम्; धै दुष्टमैंए योउँइँले चमैं फ्रेमिंम्।
दिलेया च सुँडेनिमैं परमेश्वरने ङ्हिंमल। छतसि मिश्रर्बै म्रुँइ बिब् धोंले चमैंइ आल, चमैंइ च्हमैं या सोगोंन् थेंमिंइ।
ठिक के लबै म्हिए सुँउँइँले बुद्धिए ताँमैं पोंम्, दिलेया स्योलिबै ताँ पोंबै ले थोवाब्मुँ।
दुष्ट म्हिमैंइ लबै के याहवेहजी आखो, दिलेया छ्याँबै के लब्मैंलाइ खीजी म्हाँया लम्।
तोन् तोर्न थेब् प्हैंबै म्हि नास तयाब्मुँ, अरूमैंलाइ तो धोंइ आङ्हाँबै म्हिल मि-क्ह्रन् म्हयाब्मुँ।
याहवेहजी थेब् प्हैंब्मैं तिफुँइ आखो; चमैंइ खैले बिलैया दण्ड योंब्मुँ।
भर पर्दिल्ले छ्ह थोद्, धै परमेश्वरजी क्हिए पाप क्षमा लब्मुँ, धै याहवेहजी बिब् ङिंस्याँ क्हिला तोइ न्होंह्रो आत।
क्हि ह्रोंसन् ह्रब्-सेब् आप्हैंन्; याहवेहलाइ म्हाँदिद्, आछ्याँबै केमैं पिवाद्।
आछ्याँबै ताँ-फुँमैं क्हिए सुँउँइँले आत्होंरिगे, स्योर ताँमैं क्हिए म्हदेइ आपोंरिगे।
केर आफेबै दुष्ट म्हिइ आगुए ताँ लप्रम्।
क्हेमैंइ फिब्लो पार्दिबै म्हाँया आलद्, क्ह्रोंसेंन्लेन् सैं न्होंउँइँलेन् म्हाँया लद्। आछ्याँबै केमैं पिवासि छ्याँबै केमैं लरिद्।
ताँन् आछ्याँबै केमैंउँइँले स्यो तद्।
दिलेया परमेश्वरजी बिबै ताँ बिस्याँ थेबै जग धोंले भोंब मुँ। च जगए फिर पबित्र प्ल्हजी छाप ल्हैदिइमुँ, “प्रभुजी खीए म्हिमैं ङो सेमुँ” धै “प्रभए मिं किंब्मैं ताँन् आछ्याँबै केउँइँले ह्रेंगो तल् त्हुम्।”
छलेन ओ फ्रेंसि छमिमैं, क्हेमैंए चिब्मैंइ बिब् ङिंन्। क्हेमैं ताँन् ह्रोंस ह्रोंसए न्होंर थेब् आप्हैंन्ले घ्रिइ घ्रिए सेवा लद्, तलेबिस्याँ परमेश्वरए छ्वेर छले प्ह्रिइमुँ: “परमेश्वरजी थेब् प्हैंब्मैंए बिरोध लम्, दिलेया थेब् आप्हैंब्मैंए फिर आशिक पिंम्।”